रोशनी का त्योहार दिवाली, एक खुशी और उमंग से भरा हुआ त्योहार है जिसे हम अपने परिवारों और दोस्तों को साथ बड़े ही ख़ुशी और उमंग से मनाते है और हमेशा के लिए अपने अंदर एक खूबसूरत यादें और एहसास को भर लेते है। लेकिन, एक बार जब उत्सव समाप्त हो जाता है और सभी परिवार और दोस्त अपने अपने जीवन के दिनचर्या में व्यस्त हो जाते है तो अक्सर रिटायर्ड लोग को एक ख़ालीपन उदासी का एहसास हो सकता है। लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखकर हम इससे निजात पा सकते है।
इस आर्टिकल में हम आपको इससे बचने के कुछ उपयोगी और कारगर तरीक़े बतायेंगे।
पुरानी सुनहरे पलों को याद करें

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दिवाली के बाद होने वाले ख़ालीपन और उदासी वाले माहौल से बचने का सबसे आसान तरीक़ा ये है आप दिवाली सेलिब्रेशन के अच्छी और सुनहरे पालो को फिर से याद करें, कुछ समय निकाल कर पुरानी तसवीरों को देखे और उन खूबसूरत यादों को फिर से जीने की क़ोशिश करें। अपने दिवाली सेलिब्रेशन के सुनहरे अनुभव को अपने दोस्तों और परिवारजनों से साझा करें और अपने अंदर एक सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होने दे।
अपने प्रियजनों से कनेक्टेड रहें
दिवाली सेलिब्रेशन, हमें सामाजिक कार्यक्रम/समारोह में भाग लेने और अपने प्रियजनों के साथ घुलने मिलने का समय होता है, इस समय हम सबके अंदर एक अलग उमंग और उत्साह होता है अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलने का और साथ में दिवाली सेलिब्रेट करने का, ये भावना दिवाली के बाद भी बरकरार रखें और अपने प्रियजनों के साथ अपने आपसी संबंध को और बेहतर करने के लिए उनसे फ़ोन कॉल, वीडियो चैट, या छोटे मोटे गेट टुगेदर के माध्यम से कनेक्टेड रहे।
दिवाली ख़त्म होने का मतलब ये नहीं है हमारे अंदर से सेलिब्रेशन की भावना और मौज मस्ती बंद हो जाएगी। इसलिए दिवाली के बाद कुछ रोमांचक एक्टिविटी की योजना बनाएँ, ये कुछ भी हो सकता है जो आपके अंदर उत्साह भर दे जैसे पार्क में पिकनिक, कोई नया शौक़ पूरा करना, फिर अपने आसपास किसी नये क्लास या फिर वर्कशॉप में भाग लेना इत्यादि।
रूटीन बनाये और उसका पालन करें
रूटीन से हमारे जीवन को संरचनात्मक और स्थिरता मिल सकता है जो की हम सबके लिए बहुत ही आवश्यक है। जब आपका दैनिक कार्यक्रम अनियमित हो जाता है, तो ये संभावना बढ़ जाती है कि आप फेस्टिवल के ख़ालीपन और उदासी ख़ालीपन महसूस करें इसलिए ये ज़रूरी है कि आप एक रेगुलर रूटीन का पालन करें और जिसमें, व्यायाम, भोजन, और दैनिक जीवन के बाक़ी काम शामिल है।
लक्ष्य निर्धारित करना सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखने का एक कारगर तरीका हो सकता है। इसलिए लक्ष्य निर्धारित करें और फिर अपने लक्ष्यों को छोटे-छोटे भागो में बाँट लें और जैसे जैसे आप उसे पूरा करते जायें, अपनी उपलब्धियों का जश्न मनाएँ। यह नज़रिया आपको एकाग्र और प्रेरित रखेगा।
एक स्वस्थ जीवन शैली अपनाएं
स्वस्थ शरीर से स्वस्थ मन का निर्माण होता है। पौष्टिक भोजन, हाइड्रेटेड रहने और नियमित व्यायाम करने पर विशेष ध्यान दें। शारीरिक एक्टिविटी/गतिविधि आपके अंदर ऊर्जा का प्रवाह और आपके मूड को अच्छा रखने का एक कारगर और शानदार तरीक़ा है। रोज़ सैर, योगाभ्यास, या फिर वरिष्ठ नागरिकों के लिए डिज़ाइन की गई फिटनेस क्लास में शामिल होने पर विचार करें।
दिवाली के बाद के ख़ालीपन और उदासी से उबरने का एक प्रभावी तरीक़ा “गिविंग बैक तो सोसाइटी” हो सकता है। अपना समय और स्किल किसी ऐसे कॉज के लिये लगाये जो आपके दिल के बहुत ही क़रीब हो, दूसरों की मदद करना आपके लिये अविश्वसनीय रूप से संतुष्टिदायक और आनन्दमय हो सकता है
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नए शौक खोजें
दिवाली नई रुचियों को तलाशने या पुराने शौक को फिर से पूरा करने का एक अच्छा समय है। चाहे वह पेंटिंग हो, बागवानी हो, या कोई संगीत वाद्ययंत्र सीखना हो, रचनात्मक गतिविधियों में शामिल होने आप व्यस्त रहेंगे और इससे आपको खुश रहने में मदद मिल सकती है।
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माइंडफुलनेस और रिलैक्सेशन का अभ्यास करें
दिवाली सेलिब्रेशन दौरना लोगो से मेलमिलाप कई बार ओवरव्हेल्मिंग हो सकता है, इसलिए कुछ समय निकाल कर माइंडफुलनेस और रिलैक्सेशन टेक्नीक्स का अभ्यास करें। ध्यान, गहरी साँस लेना और आसान योग व्यायाम आपको आंतरिक शांति पाने में मदद कर सकता हैं
दिवाली के बाद ख़ालीपन का एहसास और उदासी होना एक सामान्य घटना है, लेकिन इसका प्रभाव आपके जीवन पर नहीं पड़ना चाहिए इसलिए सकारात्मक मानसिकता और कुछ ज़रूरी उपायों के साथ इससे बच सकते है। सुनहरी यादों को फिर से जीने के लिए और अपने प्रियजनों से बातचीत के माध्यम से जुड़े रहने के लिए समय निकालें। अपने आप को नये नये ऐक्टिविटीज़ में व्यस्त रखें, एक स्वस्थ जीवन शैली बनाए रखें, और माइंडफुलनेस टेक्नीक्स का अभ्यास करें। इन तरीको से आप दिवाली के बाद होने वाले ख़ालीपन का एहसास और उदासी के माहौल से आसानी से बाहर निकल कर ख़ुशी और उमंग की भावना प्रवाहित होगी।